त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ ** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें। प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥ https://rafaelhgpms.qodsblog.com/29790989/shiv-chalisa-lyrics-in-english-with-meaning-an-overview