उनको पीले पुष्प अर्पित करें। पीले प्रसाद का भोग लगाएं। फिर भक्ति भाव से बगलामुखी चालीसा का पाठ करें। इदं कवचमज्ञात्वा भजेद् यो बगलामुखीम्॥ ३७ ॥ इत्यष्टौ शक्तयः पान्तु सायुधाश्च सवाहनाः। सबसे पहले अपने गुरु , गणेश जी एवं भैरव जी का ध्यान करके माँ बगलामुखी का ध्यान करें। It https://vashikaran-specialist02346.blogproducer.com/37211650/little-known-facts-about-baglamukhi